पन्ना राज्य जलवायु और वर्षा- 1 स्थिति और सीमा- यहाँ की दूसरी नदियाँ है । धरम सागर एक बड़ा पन्ना राज्य सेन्ट्रल इण्डिया एजेन्सी में बुन्देल- ताल है। इसके सिवा और भी छोटे छोटे ताल हैं। खण्ड का एक राज्य है। यह राज्य २३:५० से २५२' उत्तरी अक्षांशों और ७६४५' से ८०४२' पूर्वी ग्रीष्म ऋतु में गर्मी अधिकता से पड़ती है और देशान्तरों के बीच स्थित है। शीतकाल में कड़ाके का जाड़ा पड़ता है। वर्षा ५२ इंच इस राज्य के उत्तर में बांदा ज़िला, अजयगढ़ सालाना होती है। और भसौदा के राज्य हैं। पूर्व में कोठी, नागोद और अजयगढ़ हैं । दक्षिण में खनिज पदार्थ- जबलपुर और दमोह के जिले हैं और पश्चिम में छतरपुर, चर- हीरा, मकान बनाने के पत्थर, लोहा और चूना खारी, विजावर और अलीपुर हैं । मलहरा की पाया जाता है । तहसील के तीन ओर सी० पी० का प्रान्त और उत्तर वन और जानवर-- की ओर विजावर राज्य है। सोहावल और कोठी अचार, अमिलतास, बेरी, आँवला, बकायन, के बीच वीरसिंहपुर है। बहेड़ा, बाँस, छिउल, करौंदा, मौलसली, सागौन, क्षेत्रफल- शीशम, घोट, तेन्दू, धौ, साज आदि के बन हैं। इस राज्य का क्षेत्रफल २,५६६ वर्गमील है। पहले यहाँ हाथी पाए जाते थे। और यहाँ के प्राकृतिक विभाग- हाथी बहुत प्रसिद्ध थे, किन्तु अब नहीं पाए जाते । दो मुख्य भाग हैं (१) पन्ना श्रेणी के इधर उधर शेर, चीता, तेंदुवा, काले हिरन, मृगा, रीछ, भेड़िया का पहाड़ी प्रदेश (२) केन और उसकी सहायक आदि जंगली जानवर पाए जाते हैं। नदियों का समतल मैदान । प्रथम भाग की भूमि जनसंख्या और भाषा- पहाड़ी है और घने बनों से ढकी है। दूसरा भाग जिसे हबेली की घाटी कहते हैं। यहाँ की भूमि और टाउन मिलाकर राज्य में १००६ हैं। ६३५ यहाँ की जनसंख्या २,१२,१३० है । कुल गाँव कछारी और उपजाऊ है। पहाड़ी प्रदेश के और खास कर केन की घाटी के किनारे किनारे के गाँवों की जन संख्या ५०० से कम है। ५२ गाँवों दृश्य बड़े ही सुन्दर हैं। की संख्या ५०० से १००० तक है, १८ की संख्या १००० से २००० तक की है। ३ नगरों की संख्या पहाड़ियाँ-- पन्ना श्रेणी ही मुख्य पहाड़ी प्रदेश है, जो दक्षिण- पाँच हजार से अधिक है। यहां की भाषा बुन्देल पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर फैली हुई है। मदार- खण्डी हिन्दी है। तुङ्ग की पहाड़ी १५५७ फीट ऊँची है। इस पहाड़ी भूमि--- में एक पीर की मज़ार है, जहाँ मुसलमान यात्री आते मार, कावर, पटुवा, राकड़ भूमि है जो हार हैं । भन्डर पहाड़ में जाटपुर का किला है। नैनागिर वा जॅवार दो भागों में विभाजित है। की पहाड़ी में जैन मन्दिर हैं। हीरा- पन्ना के समीपवर्ती प्रदेश में हीरा मिलता है। केन, धसान और टोंस मुख्य मुख्य नदियाँ हैं। जहां कहीं हरे पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े मिलते हैं बाघिन, असरावल, सितावल, पटानी और बरमे वहीं इस हीरे की स्थिति समझी जाती है। पहले तो दृश्य नदियाँ-
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