छतरपुर नामकरण- स्थिति और क्षेत्रफल- ईश्वर से प्रार्थना की कि ईश्वर मुझे उस लड़के के छतरपुर का राज्य भी सनद वाले राज्यों में दर्शन दो। परमात्मा ने उसकी प्रार्थना सुन ली और से है । यह बुन्देलखण्ड में शामिल है और सेंट्रल उसी समय वह धारा इतनी प्रबल हुई कि बाँध टूट इंडिया एजेन्सी का एक राज्य है। यह राज्य २८२०' गया और मृतक शरीर खुल गया। वह मृतक शरीर उत्तरी अक्षांश से २५.१५' उत्तरी अक्षांश तक और और जीवित बालिका दोनों उसी प्रवाह में बह गये। ७६ २५' से ८१५ पूर्वी देशान्तर तक फैला हुआ है। वह लड़का पन्ना राज्य के शाहनगर का निवासी था इसका क्षेत्रफल ११:३० वर्गमील है। तब से आज तक जब कोई बोट पहले पहल नदी में उतारा जाता है तो उतारने के पहले मल्लाह को नदी पन्ना महाराज क्षत्रसाल ने छतरपुर नगर की महावर चढ़ानी पड़ती है। नींव डाली । उसी नगर के नाम पर इस राज्य का केन नदी बड़े वेग के साथ बहती है। रानेह नाम भी छतरपुर पड़ा। स्थान पर नदी ७५ फीट की ऊँचाई से गिरती है। प्राकृतिक विभाग- वर्षा ऋतु में इस नदी के बहाव का शब्द कई मील यह राज्य सेंट्रल इंडिया के निचले प्रदेश में स्थित तक सुनाई देता है। है । यहाँ समतल मैदान हैं और कहीं कहीं भूमि जलवायु और वर्षा- ६०० फीट समुद्र तल से ऊँची है जो भिन्न प्रकार के यहाँ की जलवायु गर्म है। गर्मियों में यहाँ लू वृक्षों से ढकी है । यहाँ पन्ना श्रेणी फैली हुई है । जो चलती है । यहाँ की सालाना वर्षा ४६ इंच है। समुद्र तल से १६०० फीट ऊँची है। यहाँ की मुख्य पैदावार- नदी केन है। उपल, केल, कटनी, खुरार, सेमरी, लगभग १,५०,७०० एकड़ भूमि में खेती होती है। बेंसकर, बुरेना, बरना आदि दूसरी छोटी छोटी यह कुल राज्य का २१ फी सदी है । मार, कावर, नदियाँ हैं। परुश्रा, राकड़, में चार प्रकार की भूमि पाई जाती केन नदी के नाम पड़ने का कारण- है । कोदो, ज्वार, बाजरा, मकई, धान, मूंग, तिल कहते हैं कि एक अहीर की लड़की और कुर्मी आदि अगहनी पैदावार होती है। गेहूँ, चना, जौ, के लड़के में प्रेम हो गया। लड़की के पिता को इसका आदि मुख्य रबी फसल होती है। पता चल गया । बूढ़े अहीर का खेत पहाड़ी के नीचे ईख, गन्ना और पौढ़ा भी उगाए जाते हैं। राज्य था। उस जगह एक पानी की धारा पहाड़ से निकल में कुल ७५ एकड़ भूमि में ईख बोई जाती है । कर बहती थी । अहीर बाँध बांध कर अपने खेत जन-संख्या और भाषा- को बहने से बचाना चाहता था। किन्तु उसे सफलता इस राज्य की जन-संख्या लगभग १,६१,२७० है । न होती थी। उसने एक ब्राह्मण पंडित से सलाह छतरपुर नगर में दस हजार से अधिक आबादी है। ली। ब्राह्मण देवता ने मनुष्य बलिदान की राय दी। बाक़ी ४२१ गाँव हैं जहाँ ५०० से ५,००० तक आबादी फिर क्या था । उस अहीर ने उस कुर्मी के लड़के है। राज्य में ६५ प्रतिशत हिन्दू हैं शेष ५ प्रतिशत को मार कर उसी बांध के नीचे गाड़ दिया । जब में मुसलमान, जैन और दूसरी जातियाँ हैं। बना- लड़की को पता चला तो वह रोती हुई उस स्थान फ़री और हिन्दी दो मुख्य भाषाएँ इस राज्य में प्रच- पर पहुंची और अपनी पवित्रता का परिचय देते हुए लित हैं।
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