पृष्ठ:भाषा-विज्ञान.pdf/३७६

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अनुक्रमणिका ३४५ संस्कृत-ग्रंथों का तिब्बती में अनु- साइपीरियन ७३ वाद६२ साइस, प्रो०६७, ७५ में अक्षर-लोप १६० साई ५६ --में अपश्रुति १७२ साधक अंश १६० –में 'ऋ'१५४ सामान्य भाषा २६ -में 'य' और 'व' श्रुति १६१ साहित्य १२ --में सघोष 'ज' का अभाव ८४ साहित्य-हीन बोलियाँ १२ -~-में पूर्व-प्रत्यय २०५ सिंधी ६७, १००, १०१, ११२ ---में पर-प्रत्यय २०६ सिकंदर ७४ --में रूप-मात्र १६० सिद्धांतकौमुदी के प्रकरण १८४ -व्याकरण ७ सिरैकी ११२ संस्कृतिक ६६ सुमानियन ६४ सहिति-प्रधान और व्यवहिति-प्रधान सुनीतिकुमार चटर्जी १०२,१०५,११३ भाषाएँ ४७, ४८ सुमेरियन ६१ सक६४ सूडान ५६ सप्राण स्पर्श १३५ सूडानी ४६ समाज-शास्त्र १३ सेमेटिक वर्ग ५३, ५७, ५८, ६०, समास २५७ ६१, ६२, ६४, ६५, ६६,६७, समास-प्रधान भाषाएँ ५०, ५२ समास-प्रधान वाक्य ४३ ८३ समास-वृत्ति १८६ सोफोक्लीज ७३ समाहार-विधि १८६ सोमाली ५६ सर देसाई ३०० सेरेवियन ७६ सर्वनाम २१८ स्कैंडिनेवियन ६६ सवोंक्रोसियन ७६ स्थान अथवा शब्दक्रम १६३ सलोन ८६ स्पेनिश ७०,७१ त्यामम्बीनी स्कंध ११ सांकेतिक उत्पत्ति ३१ स्वामी ४६, ६३, ६० साग्दी ८० सहो ५६