पृष्ठ:भाषा-विज्ञान.pdf/२५५

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छठा प्रकरण अर्थ-विचार (१) भपा-विज्ञान के दो अंगों का विवचन पीछे हो चुका । उसके नीसरे अंग का नाम अर्थ-विचार अयथा शब्दार्थ-विज्ञान 1 हिंदी में अभी कोई एक शब्द इन विधान के लिय गढ़ नहीं हुया है। तीन शब्द प्रयोग में पा रहे हैं- पातिय, प्रविचार और शब्दार्थ-निशान । अनिम शर सबने पित व्या हारिक और माल मालूम पड़ता है, तो भी हमने 'पर्थ- लार नाम का अपनाया है, स्योंकि इसका प्रयोग हम पाले कर नुकं हैं। श्री में जानी वही शर सिर मंगा जिनका व्यवहार निरनिगा। मन मला माय गो भी अगरंजी, न 'प्राति पाश्चात्य भाषाओं में भीम विमान का नाम स्थिर नहीं हो सका है। मिन भिन्न विद्वानों में भिन्न नाम पाने का यन किया। प्रोलर पाटनंट ने गला (mheration:::) प्रकाशित किया। प्रांक शाम मा Mimi कली दुबार) प्रल माय मांटीक नाना र नाम मंटोसा अंगी पर्याग गलिया मागी ममंटिम ET Af ";! Tip of: Ti - 70 Tiit 1711 171

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