पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/५४

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४५ इसी प्रकार कुनि की सूरतों की संख्या में भी मतभेद है। सिराजुल- कारी, उम्दतुलबयान फी तफ़सीरिल कुरान, तफ़सीरे इत्तेकान, कसीदतुल किराअत, रमूजुल कुनि और दुआऐमुतरिक में इमाम अबूहनीफ़, जैदिन्ने साहब अन्सारी और मुल्ला मुहम्मदहसन अली के मत में कुआन में एक सौ चौदह सूरतें थीं। परन्तु मुल्ला जलालुद्दीन सुयूती अपनी तफसीरे-इत्तेकान फी उलमिल कुआन में लिखते हैं कि-कुनि इब्ने मसऊद में एक सौ बारह सूरत थीं। तथा उबैयिब्ने क़ाब के कुनि में एक सौ सोलह सूरत थीं । जलालुद्दीन के उक्त लेख से सिद्ध होता है कि हजरत उस्मान के कुरान में एक सौ ग्यारह सूरत थीं। उमिय्यतिब्ने अब्दुल्लाह ने खुरासान में एक कुरान पाया था जिसमें एक सौ सोलह सूरतें थी । इस प्रकार और भी बहुत से मतभेद हैं, परन्तु वर्तमान् कुआन में एक सौ चौदह सूरतें हैं जो साधारणतया सभी मुसलमान स्वीकार करते हैं। सूरतों की भाँति आयतों में भी मतभेद है । दुआएमुतर्रिक, कसीतुल- किराअत, उम्दतुलबयान फी तफ़सीरित कुरान, सिराजुलकारी तथा रमूजुल में कुरान की छै हजार छ सौ सियासठ आयतें मानी हैं। तफ़सीरे इत्तेकान फो उलमिल कुरान के मत से आयतों की संख्या इस प्रकार है। मदोनियों के मत में ६२१४ मक्कियों ६२१२ ६२५० वस्मियों ६२१६ ईराकियों ५२१४ कूफियों ६२३६ अ० इब्नेमसऊद के मत में ६२१८ इब्ने अब्बास के मत में ६६१६ अद्दानी के मत में ६००० भिन्न-भिन्न मत से ६२१४ कुनि की आयतों में परस्पर मतभेद भी देखने को मिलता है। और शाम वालों, """ """ """ ... आदि।