पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/४३

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किनारे तक अपना अधिकार जमा लिया था। संसार के इतिहास में इतना शीघ्र कोई धर्म नहीं फैला। अन्त में यह ख़लीफ़ा साठ वर्ष की आयु में मरा। उसके बाद उसका बेटा वलीद ख़लीफ़ा हुआ। वह लम्बा, मोटा, काला और मजबूत आदमी था। उसकी तिरसठ स्त्रियाँ और बहुत सी दासियाँ थीं।

गद्दी पर बैठते ही उसने दमिश्क में मस्जिद बनाने के लिये ईसाइयों का एक प्रसिद्ध गिरजा सेन्टजान जो बहुत प्राचीन और सुन्दर बना हुआ था, जबरदस्ती गिरवा दिया।

इसके बाद वह यूरोप पर टूट पड़ा। उसका भाई मुस्लिम एशिया माईनर को रौंदता हुआ यूरोप तक जा धमका और हजारों स्त्रियों को पकड़ कर दासी बनाकर बेच डाला। इधर मुस्लिम का बेटा तुर्किस्तान में घुस गया और समरकन्द, बुखारा और ख्वारिज्म पर दख़ल जमा लिया। उसका सेनापति मूसा अण्डालूसिया पर चढ़ गया। स्पेन का सेनापति जुलियन उससे मिल गया। पादरियों ने भी विश्वासघात किया। इससे युद्ध में स्पेन का राजकुमार मारा गया। तब बादशाह ने यह घोषणा की कि पन्द्रह से पचास वर्ष तक की आयु के सब लोग सेना में भरती हो जायँ। इस प्रकार विशाल सेना लेकर वह डट गया पर विश्वासघातियों की मदद से उसे मुसलमानों ने परास्त कर दिया। जिरक्स में भयानक युद्ध हुआ, स्पेन का बादशाह रोडरिक हार कर भाग गया और अन्त में गाडस्लकिवर नदी में डूब कर मर गया।

वलीद इस समय मर गया और उसका बेटा सुलेमान ख़लीफ़ा हुआ। इसने सर्वप्रथम मूसा के परिवार को क़त्ल करवा दिया और मूसा की जगह हुर को स्पेन का सूबेदार बनाया। उसने निश्चय किया कि सेना में जितने सैनिक हैं या तो इन्हें मुसलमान बना लिया जाय या क़त्ल कर दिया जाय। उसने जुलियन सेनापति को बुलाया जिसके विश्वासघात की सहायता से स्पेन को फतह किया गया था। पर वह हुर का अभिप्राय समझ गया और भाग गया। उसकी स्त्री और बच्चे घर में घेर लिये गये। उसने बच्चे को कब्र में छिपा दिया, पर वह ढूँढ़कर निकाल लिया गया। स्त्री ने हुर के पैरों पर गिर कर दया की प्रार्थना की पर उसने कहा कि काफ़िर के लिये रहम नहीं है। उसने काज़ी को हुक्म दिया कि बच्चे को किले के बुर्ज पर ले चलिये। यही किया गया। बच्चा डरकर काज़ी से चिपट गया, वह बहुत रोया