पृष्ठ:भारत में इस्लाम.djvu/२९६

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२८७ who ने इसी समय के कुछ दिन प्रथम क्लाइव को एक-ही गाँव की लूट में इतना चावल मिला था, कि जिससे एक वर्ष तक दस हजार सिपाहियों का गुजारा चल सकता था। आश्चर्य है, कि देखते-ही-देखते बङ्गाल इस दशा को पहुँच गया ! न ने T + -- r नाम- २१ दक्षिण के मुस्लिम-राज्य दक्षिण के प्राचीन राज्य चेरा, चौल, पाण्ड्य, नष्ट हो गये थे । परन्तु मुहम्मद तुग़लक़ के कुशासन से लाभ उठाकर एक हिन्दू-राज्य विजयनगर पठानों के काल में बन गया था, जो २०० वर्ष तक रहा। इसी काल में बह- मनी-राज्य हसन नामक एक वीर और साहसी मनुष्य ने स्थापित किया था। यह व्यक्ति समय के प्रभाव से गंगू नामक एक ब्राह्मण की सेवा में कुछ दिन रह चुका था-अतः उसके प्रति कृतज्ञता-प्रकाश करने को, उसने अपना —'सुलतान अलाउद्दीन हसन गंगू बहमनी' रखा, और अपने राज्य का नाम 'बहमनी'-राज्य रक्खा। राजा होने पर गंगू आजीवन इसका मंत्री रहा । गोलकुण्डा के पश्चिम में इसकी राजधानी गुलबर्गा थी, और उसका राज्य बरार से लेकर दक्षिण में कृष्णा नदी तक फैला हुआ था। विजयनगर की सेना में ७ लाख योद्धा थे, और उसका शौर्य बहुत बढ़ा-चढ़ा था । उसका राज्य खम्भात की खाड़ी से आरम्भ होकर पूर्व-दिशा में जगन्नाथ के निकट बंगाल को खाड़ी तक और दक्षिण में कन्या-कुमारी तक फैला हुआ था। इस हिन्दू-राजा के पास गुजिस्तान के ३ गुलाम थे, जिनको वह हर प्रकार सुखी, प्रसन्न और सन्तुष्ट रखता था । यहाँ तक कि उसने उनको दो बड़े-बड़े प्रान्तों का अधिकारी बना दिया था-एक को बीजापुर, पुरन्दर