पुराने हमले उनमे से अधिकांश में भारत का अर्थ यही लिया जाता है। इस तरह उन हमला करने वालों को भी, जिन्होंने कभी सिन्धु नदी का किनारा नही देखा भारत के हमले करने वालों में शुमार किया जाता है। मसलन् कहा जाता है कि ईरान के मशहूर बादशाह दारा के विशाल साम्राज्य में, जिसने ईसा से ५२२ साल पहले से लेकर ४८६ साल पहले तक शासन किया, उत्तर भारत का कुछ भाग भी शामिल था। किन्तु दारा के शिलालेखों से साफ़ पता चलता है कि उसका साम्राज्य कभी सिन्धु नदी से आगे नहीं बढ़ा । सिकन्दर से पहले के हमले आर्यों के हमले के बाद से सिकन्दर के हमले के समय तक भारत के ऊपर सिन्धु नदी के इस ओर तक केवल दो हमलों का थोडा बहुत विश्वस्त इतिहास मिलता है । इनमें पहला हमला असीरिया की जगप्रसिद्ध सम्राज्ञी मलका सेमिरामिस का है, जिसने ईसा से करीब आठ सौ साल पहले बलूचिस्तान को पार कर भारत विजय करने का प्रयत्न किया। इस हमले की बाबत यूनानी इतिहास लेखक नियारकस लिखता है कि सेमिरामिस को अपनी सेना के केवल बीस बचे हुए श्रादमियों सहित सिन्धु नदी से जान बचा कर भागना पडा । दूसरा हमला ईरान के प्रसिद्ध विजेता कुरु का था । यह वह कुरु था जिले अंगरेज़ी में 'साइरस' लिखा जाता है किन्तु जिसका असली ईरानी नाम कुरु था और जिसकी शुमार एशिया के बड़े से बड़े विजेताओं में की जाती है । कुरु दारा का पितामह और विशाल ईरानी साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है । कावुल से लेकर इराक, शाम, टरकी, बैबिलोन, मिश्र और कुछ भाग यूनान का भी इस ईरानी विजेता की अधीनता स्वीकार कर चुका था । सेमिरासिस के बाद कुरु ने भारत पर
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पुराने हमले