बेल्सली और निजाम छै साल पहले निजाम और अंगरेजों के बीच मित्रता की सन्धि हो चुकी थी। उस सन्धि को मिट्टी में मिलाकर अब गवरनर जनरल ने रेज़िडेण्ट को श्राज्ञा दी कि जिस तरह हो सके किसी गुप्त ढंग से निजाम की रियासती सना को, जिसमें फ्रांसीसी अफसर हैं, बरखास्त करवा कर उसकी जगह कम्पनी की नई सब्सीडीयरी सेना एक बार कायम कर दो। इस पत्र में कमान कर्कपैट्रिक को आदेश दिया गया कि यह सारा काम चुपचाप ऊपर ही ऊपर वज़ीर अज़ीमुल उमरा की मार्फत पूर्ण करा लिया जावे और निजाम को इसका बिल्कुल पता न चलने पावे । वेल्सली ने लिखा- "xxx अज़ीमुलउमरा पर खूब ज़ोर देना कि इसकी पूरी पूरी अहतियात रखना जरूरी है कि x x x नजवीजें खुलने न पावे; उसे यह सुझा देना कि सेना को छोटे छोटे टुकडों में करके एक एक टुकडे को अलग अलग बरखास्त करना अधिक उचित होगा, ताकि अन्न मे प्रासानी से सारी सेना को ख़तम किया जा सके और सेना के अफसर या सिपाही वहाँ से जाकर टीपू या सोंधिया के यहाँ नौकरी न कर लें। "जब अज़ीमुल उमरा निज़ाम के नाम पर इन सब बातों को करने के लिए राजी हो जावे तब तुम मद्रास से कम्पनी की सेना बुलवा भेजना "* ou will ulge 10 \imu Omat in the strongest. tims, the neecssity of Tur taking every recution Ltr prevent the propositions from transpiring, Inition iral! Supp५८ 10 lum the propriety of dispering the (Ope in it.dll par115 for tile ruthose of facilitating its thnil retitue ton, and of preventing the colliters and priyates Item Song into the service of T1200 or ot Standit Shoul A/Inul Dra (hisent, in the name of the Ni/im, to the
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विल्सली और निजा़म