पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/७१२

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भारत में अंगरेज़ी राज

४२८ भारत में अंगरेजी राज सकती। उस कान्ति ने फ्रांस निवासियों के अन्दर इस बात की चेतावनी जगा दी कि आइन्दा कभी कोई हमारी कौमी जिन्दगी को खरिडत नहीं कर सकता, और स्थ कौमों के लोगों में यह ज्ञान पैदा कर दिया कि जनता के एक मत हो जाने पर कौम की शक्ति कितनी ज़बरदस्त होती है, उनमें यह हद विश्वास पैदा कर दिया कि विजय अन्त में जनता ही की होगी और कोई शक्ति उसे इस विजय से वञ्चित नहीं रख सकती । राजनैतिक क्षेत्र में इस कान्ति ने मानध उन्नति के एक युग को पूरा करके और उसका सार लेकर हमें दूसरे युग की सीमा तक पहुँचा दिया .' “थे ऐसे नतीजे हैं जो कभी नष्ट न होंगे; कोई सरकारी उल्लेख कोई राजनैतिक सिद्धान्त या किसी स्वेच्छाचारी सरकार के अनन्य अधिकार इन नतीजों को नहीं मिटा सकते ।"* झांसीनी कौम प्रायः शुरू से उच्च प्रादर्शो की उपासक रही है।

  • · Five and twenthrmhons of men do not useup a me mari, nor

rouse one hall ot Europe at thrur cail for J Imese won, 22 empty formula, ashador The Revolutive that is 10 say the ramuit and furv of the Resolution-Perished the form pelished, as all fosms perish when ther tashas accomplished hut it idiantthe Revolution survived rat idea freed fronm every temporary anelone or disguise now reigns for ever, a fixediurn the nitaliretual firm inment, it is numberest among the quests of !urranti "Evergreat deal, .mmortal, the French Revolution rekindled the sense of Reert, of friberty, and of equality in the hum... 40ul, sever llenceforth to be extitiguishet, it wakened Trance to the couseuousness of the invoJbility of her national life, awaleted in every prople apert epior of the powers of Lollecture will, and a conviction of ultimate victory, of which none can deprive theul Itsumnned up and concluded (u the political sphere } othe epoth of Humaunty; and led as to the confines of the next