सर जॉन शोर ४०४ अपने वङ्गाल के खिराज के सम्बन्ध में पत्र लिखे हैं और उनसे मदद चाहो है। माधोजी सींधिया की हत्या से कम्पनी के रास्ते का एक ज़बरदस्त काँटा दूर हो गया। __उस समय के सरकारी पत्र व्यवहार में दोनों बाते विलकुल साफ है। एक यह कि अंगरेजो ने होलकर को सींधिया पर हमला करने के लिए उकसाया और दूसरे यह कि अंगरेज माधोजी सोंधिया के विरुद्ध साजिशें कर रहे थे। जिस समय माधोजी अपने राज सं पूना की ओर रवाना हुआ, उसी समय गवरनर जनरल ने सीधिया दरबार के अंगरेज रेजिडेण्ट को वहाँ से बापल बुला लिया। ____ माधोजी को मृत्यु के समय कॉर्नवालिस इंगलिस्तान में था और सर जॉन शोर भारत में गवरनर जनरल था। कॉर्नवालिस को जब माधोजी की मृत्यु का समाचार मिला, उसने ७ सितम्बर सन् १७६४ को प्रसन्न होकर सर जॉन शोर को लिखा-~"सीधिया की मृत्यु से आपकी गवरमेण्ट को करीब करीब हर राजनैतिक कठिनाई दूर हो जावेगी।"* __ इससे अधिक सुबूत इस बात का और क्या हो सकता है कि माधोजी की मृत्यु वास्तव में कौन चाहता था और उसकी हत्या करने वालों को किसने नियुक्त किया था। • "The death of Sindhim, 2]] meally remucetrn politica anhealth of our Go a ant" Commallts letter to Tohn Short ५.nt anmber 1, 1704
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सर जॉन शोर