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भारत में अंगरेज़ी राज

३६४ भारत में अंगरेजी राज किन्तु कॉर्नवालिल खब समझता था कि किसी भी परतन्त्र देश में पराजित कौम के चरित्र भ्रष्ट कर देने और उस चरित्र भ्रष्ट रखने में ही विदेशी शासकों का सबसे अधिक बल है। लॉर्ड कॉर्नवालिस के शासन काल की सबसे अधिक महत्व की घटना बंगाल का इस्तमरारी बन्दोबस्त बताई इस्तमरारा जाती है। असली बात यह थी कि जिस समय बन्दोबस्त कम्पनी ने तीनों प्रान्तों की दीवानी दिल्ली सम्राट स प्राव की और धीरे धीरे उन प्रान्तों पर अपना शासन जमाना शुरू किया उस समय से उन्होंने हर जगह नया बन्दोबस्त करके सरकारी लगान बेहद बढ़ा दिया, जिसका जिक्र एक पिछले अध्याय में किया जा चुका है। एडमण्ड बर्क लिखता है कि लगान बेहद बढ़ा दिए जाने की वजह से ही सारा "देश वीरान दिखाई देने लगा।"* इस लगान बढ़ाए जाने ही का एक नतीजा बंगाल भर के अन्दर सन् १७७० का वह भयंकर दुष्काल था जिसके समान आपत्ति देश पर पहले कभी न आई थी और जिसमें लाखों गाँव उजड़ गए। जिस समय कॉर्नवालिस बंगाल पहुँचा, कम्पनी का खजाना खाली पड़ा था, अच्छी से अच्छी ज़मीन बिना जोती बोई और वीरान पड़ी हुई थी और अधिकांश ज़मीदारों के जिम्में कई कई साल का लगान वाकी चला आ रहा था जिसे चुका सकना उनकी शक्ति से बिल्कुल बाहर था। इस शोचनीय अवस्था में कम्पनी को

  • • The countis has turned into a desert - Felmund Burke