पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/६६१

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लॉर्ड कॉर्नवालिस

लाडे कानवालिस किया। घमासान सश्राम हुआ जिसमें मीर किरमानी क अनुसार दो हजार अंगरेज़ सिपाही मैदान में काम आए । पराजित अंगरेज सेनापति को अपने बचे हुए आदमियों सहित पीछे लौट आना पड़ा। लिखा है कि जनरल मीडोज़ को इस पराजय पर इतनी लज्जा आई कि उसने अपने खेमें में जाकर आत्महत्या करना चाहा, उसने अपनी पिस्तौल का उपयोग किया। पहली गोली उसकी बग़ल को छीलते हुए निकल गई, उसने दोबारा पिस्तौल चलाना चाहा, इतने में करनल मैलकम ने जो आवाज सुनकर खेमे में घुस श्राया था, मीडोज़ के हाथ से पिस्तौल छीन ली। कॉर्नवालिस को इस घटना को सूचना दी गई। उसने आकर मीडीज़ को सान्त्वना दो और इस अवसर पर टीपू के साथ सुलह की इच्छा प्रकट को। श्रीरंगपट्टन से पूरब की ओर लालबाग नाम का एक बड़ा सुन्दर बाग है, जिसमे हैदरअली की समाधि हैदरअली को ___ बनी हुई है । टीपू सुलतान ने अपने पिता की समाधि का अपमान " याद में इस बाग और समाधि के सौन्दर्य को. बढ़ाने में काफी धन खर्च किया था। लॉर्ड कॉर्नवालिस ने इस बाग पर कब्जा कर लिया। वहाँ के लम्बे 'सर्व' और अन्य सुन्दर वृक्षों को कटवा डाला और हैदरअली की समाधि का अपमान. किया। टोपू को यह देखकर बड़ा दुख हुआ। टीपू और मराठों के बीच भी इस समय सुलह के लिए पत्र श्रीरंगपट्टान की व्यवहार हो रहा था। अब तक अंगरेजो ने टी संधि पर जो विजय प्राप्त की थी वह अधिकतर मराठे