पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५९८

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
३२२
भारत में अंगरेज़ी राज

३२२ भारत में अंगरेजी राज कौन्सिल टीपू को अचानक मदाल के सामने देखकर घबरा गए। लिखा है कि जिस दिन प्रातःकाल टीपू के सवार मद्रास के पास पहुँचे, गवरनर और उसकी कौन्सिल के मेस्वर और नवाब मोहम्मद अली मद्रास के किले से कुछ दूर कम्पनी के एक बागीचे में हवा खा रहे थे और दरख्तों के नीचे खाना सजा हुआ था। इन लोगों को इस तेज़ी से भागना पड़ा कि घबराहट मे गवरनर की तलवार और उसकी टोपी तक रह गई । सौभाग्यवश एक छोटा सा जहाज़ उस समय सामने था । गवरनर और उसके अंगरेज़ साथियों ने भागकर इस जहाज़ में पनाह लो। एक यूरोपियन इतिहास लेखक लिखता है कि यदि वह जहाज़ मौके पर न होता तो गवरनर और उसके साथियों का टीपू के सवारों ने अपश्य कैद कर लिया होता।* नवाब मोहम्मदअली अपने तेज़ घोड़े पर सवार होकर सड़क के रास्ते मद्रास से भाग निकला ! टीपू ने मद्रास के किले से पाँच मील दूर सेण्ट टॉमस की पहाड़ी पर कब्जा कर लिया और बाल पास के अंगरेजी इलाके को अपने अधीन कर लिया। ___इस बीच त्रिनमल्ली नामक स्थान पर हैदरअली और जनरल स्मिथ का मुकाबला हुआ। निज़ाम की सेना हैदरअली के साथ अभी तक हैदर की सेना के साथ साथ थी, निज़ाम का किन्तु निज़ाम और अंगरेजों में गुप्त बातचीत विश्वासघात हो चुकी थी। ऐन इस मौके पर अंगरेज़ो सेना

  • History of Hyder Shah, Bv M X D L T, P 192