पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५८३

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३०७
पहला मराठा युध्द

३०७ का अन्त पहला मराठा युद्ध न वीरता, युद्धकौशल या ईमानदारी के लिए उनकी कीर्ति बढ़ी। इसके खिलाफ मराठों की वीरता, उनका युद्ध पहले मराठा युद्ध कौशल और नाना फड़नवीस की नीतिज्ञता तीनो ___इस युद्ध में अत्यन्त उच्च कोटि की साबित हुई। इसमें सन्देह नहीं कि यदि गायकवाड़, सींधिया और भोसले तीन तीन मराठा नरेशो ने पेशवा द्रवार के साथ विश्वासघात न किया होता, या यदि ऐन मौके पर हैदरअली की जिन्दगी ने धोखा न दिया होता, तो हिन्दोस्तान से विदेशी सत्ता, जिसे जड़ पकड़े अभी २० साल भी न हुए थे, उसी समय समूल उखड़ कर फिक गई होती। किन्तु नाना फड़नवीस की उच्च नीति और दूरदर्शिता उस समय के दूसरे मराठा नरेशों में मौजूद न थी और इस देश को पुनर्जन्म की प्रसव वेदना में से निकलना आवश्यक था।