पहला मराठा युद्ध २८९ वारन हेस्टिंग्स ने ठीक यही धोखा नाना फड़नवीस को देना ____ चाहा और उससे यह इजाजत मॉगी कि पेशवा नाना फड़नवीस के इलाके में से कम्पनी की सेना को जाने दिया का अंगरेज़ी सेना जावे । किन्तु नाना फड़नवीस ताड़ गया, की रोकना उसने कम्पनी की सेना के आगे बढ़ने पर एत- राज किया, और जव देखा कि एतराजों का कोई फल नहीं हुआ और अंगरेजी सेना बढ़ो चली आ रही है तो मजबूर होकर युद्ध की तैयारी शुरू कर दी। ___मार्ग में इस सेना को कई छोटी मोटी रुकावटें हुई। बुन्देल- खण्ड के स्वतन्त्र राजाओं ने उसे अपने इलाके में से गुजरने से रोका ! किन्तु किसी से लड़कर और किसी से मिलकर, किसी को चाल से और नवाब भोपाल जैसे को धन ले शान्त करते हुए कम्पनी को सेना आगे बढ़ती रही। मार्ग में ३ अक्तबर सन् १७७८ को करनल लेतली की मृत्यु हो गई और करनल गॉडर्ड उसकी जगह सेनापति नियुक्त हुआ। बम्बई के अंगरेजों ने इस सेना के पहुँचने का इन्तजार न किया। उन्होंने राघोबा को युद्ध के खर्च के लिए ___ बम्बई से कम्पनी पनी एक खासी रकम बतौर कर्ज के दी, जिसके लिए की सेना उसले पट्टा लिखा लिया और २२ नवम्बर सन् १७७८ को राघोबा तथा करनल इजर्टन के अधीन एक विशाल सेना राघोबा को पेशवा को मसनद पर बैठाने के लिए बम्बई से पूना की ओर रवाना कर दी। यह सेना राघोबा के नाम पर आगे बढ़ती
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पहला मराठा युध्द