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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज सकता था । अन्त में २३ अप्रैल को रामपुर की मशहूर लड़ाई में उनकी किस्मत का फैसला हो गया। उनका नेता नवाब फैजल्ला खाँ पहाड़ों की ओर भाग गया। "एक एक श्रादमी जो रूहेला कहलाता था या तो अपना देश छोड़कर भाग गया या चुन चुन कर मार डाला गया ।"* सारा हरा भरा देश लूट खसोट कर उजाड़ कर दिया गया । रुहेलखंड की लूट से चालीस लाख रुपए नकद कम्पनी को मिले और दो लाख नकद वारन हेस्टिंग्स की जेब में गए। रामपुर और उसके आस पास का थोड़ा सा इलाका बतौर जागीर नवाव फैजल्ला खां को वापस दे दिया गया। रुहेलखंड का वाक़ी इलाका शुजाउद्दौला को मिल गया। किन्तु वीर रुहेला जाति और उसकी स्वाधीनता का सदा के लिए अन्त हो गया। इससे पहले वारन हेस्टिंग्स केवल फोर्ट विलियम किल और बंगाल के इलाकों का गवरनर कहलाता था। वाग्न हेस्टिंग्स को " मद्रास और बम्बई, दोनों प्रान्तों के अंगरेजी मार इनाम इलाकों का प्रवन्ध दो अलग गवरनरों के सुपुर्द था, जिनकी दो अलग अलग कौन्सिले थीं। रुहेला युद्ध के अगले साल मद्रास और बम्बई के गवरनर और उनकी कौन्सिले बंगाल - - ___% + {}! the 17th April the allhrs in inquity entered Rohilk hund Jr Vain the brasr but out-numberel people sued for mercy Seldom if ere', twitt are calrulatrin the rights of victory been more inhumarly abused Examar who hor the name of Rohili was e.ther put to death or torced to herk safety in eault ---Torrens' Empire Astl, p 110