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सातवाँ अध्याय वारन हेस्टिंग्स [१७७२-१७८५] सन् १७७२ ई० में वारन हेस्टिंग्स कम्पनी की ओर से कलकत्ते के फोर्ट विलियम किले का गवरनर नियुक्त हुआ। दा अमली का वारन हेस्टिंग्स की शिक्षा बहुत ही कम थी। अन्त सन् १७५० के करीब वह एक मामूली क्लर्क की हैसियत से हिन्दोस्तान आया और वहुत दिनों तक चालीस रुपए मासिक पर मुर्शिदाबाद दरवार के अंगरेज वकील के पास काम करता रहा । मुर्शिदाबाद में रह कर वह क्लाइव की देख रेख में भारत- वासियों के रस्म रिवाज और कूट नीति के दाव पंच सोखता रहा। धीरे धीरे वह क्लाइव से बढ़कर चतुर साबित हुआ और न्याय अन्याय या पाप पुण्य की उससे भी कम परवा करता था।