पुस्तक प्रवेश ज़िन्दगी के लिये और खास कर हमारे शिक्षित देशवास्त्रियों की मानसिक अवस्था पर इतना गहरा पडा है कि आज हमारी कौमी तरक्की के मार्ग में यही सबसे बड़ी बाधा दिखाई दे रही है। इसके अलावा अनेक भयङ्कर ऐतिहासिक भ्रान्तियों और झूठों का स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों और अन्य उपायों द्वारा इतना ज्यादा प्रचार किया गया है कि आज हमारे असंख्य विचारवान देशवासी इन ऐतिहासिक भ्रान्तियों की भूलभुलइयों में पड़ कर अपनी सलामती के उपायों को सोच सकने के बिलकुल नाकाबिल हो रहे है। हमारे इतिहास के भ्रम कहा जाता है, अनादिकाल से भारत पर पश्चिमोत्तर सीमा की ओर से विदेशियों या विदेशी जातियों के हमले होते रहे हैं, भारत कभी भी इन प्रारम्भ में इगलिस्तान ने दिखाई, उसके बाद अमरीका इस कला में इगलिस्तान से भी बढ़ गया । वह लिखता है- "राष्ट्रपति विलसन ने इस कला में जो दक्षता दिखलाई वह ससार के इतिहास में अद्वितीय है।" लेखक ने पिछले महायुद्ध के समय के अंगरेजों के कई प्रसिद्ध झूठो की मिसाले दी हैं ! मसलन ससार के अखबारो में छपा था कि जरमन सिपाहियो ने बेल्जियम वालो के अनेक बच्चो के हाथ काट डाले । यह बात शुरू से अावीर तक झूठी थी । इस खबर के सम्बन्ध में युद्ध के समाप्त होने पर इतालियों के प्रधान-मन्त्री सीन्योर निती ने लिखा था- "युद्ध के बाद एक धनाढ्य अमरीकन ने अपना एक दूत इस उद्देश से बेल्जियम भेजा कि जिन गरीब बालको के नन्हें नन्हें हाथ काट डाले
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पुस्तक प्रवेश