पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४५९

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फिर मीर जा़फर

फिर मीर जाफर २६९ (कम पाँच लाख से अधिक न होगी, किन्तु बाद में इल पाँच लाख की जगह ५३ लाख वसूल किए गए । सन्धि की इन शर्तों के विषय में करनल मालेसन लिखता है :- __“देशभक्त मीर कासिम ने जिन जिन रियायतों के देने से इनकार कर दिया था, नीच और स्वार्थी मीर जाफर ने वह सब अंगरेज़ों को प्रदान कर दी " इतिहास लेखक स्कैफ़टन लिखता है :- "नवाब इसके बाद केवल एक बंक की तरह रह गया, जिससे ।कम्पनी के मुलाजिम जितनी दफ़े और जितनी रकम चाहें, ले सकते थे।" मीर कासिम के खिलाफ़ मीर जाफर अंगरेजों के हाथों में एक ___ उपयोगी हथियार था। उसी के नाम पर मीर आर कासिम के अनेक आदमियों को बहका बहका कर बुरी हालत ___ अंगरेजों ने अपनी ओर फोड़ा। ऊद्वानाला की लड़ाई में मीर जाफर अंगरेजी सेना के साथ था। फिर भी मीर जाफ़र का अहसान मानने के स्थान पर अंगरेज़ों ने उसे अब और अधिक दवाना शुरू किया, यहाँ तक कि इस दूसरे वार की सूबेदारी में उसकी और उसकी प्रजा दोनों की हालत धीरे धीरे पहले की अपेक्षा कहीं अधिक दर्दनाक हो गई । सितम्बर सन् १७६४ में भीर जाफर ने कलकत की कौन्सिल के नाम एक पत्र भेजा, जिसमें उसने तेरह शिकायतें अंगरेजों के सामने रक्खीं । इन शिकायतों का

  • " Having obtained from the low ambition of Mir Jattir the advantage

which the nutriotismm of Jhrkissim had refused to them "-.-]bid 145