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भारत में अंगरेज़ी राज

१६६ भारत में अंगरेजी राज सूबे अवध में प्रवेश किया ! तीन साल तक वह बंगाल का सूबेदार रह चुका था। उसका सारा शासन काल आपत्तियों से भरा हुआ था। अव इस प्रकार उसके शासन का अन्त हुआ। मीर कासिम के बाकी प्रयत्नों और उसकी मृत्यु का जिक्र अगले अध्याय में किया जायगा। निस्सन्देह वह योग्य, वीर और अपने देश और प्रजा दोनों का सच्चा हितचिन्तक था। सिराजुद्दौला के समान वह विश्वासघात का शिकार हुश्रा । उसके शासन काल और पतन के सारे किस्स को पढ़कर और उसकी कोशिशों के साथ उसके विरोधियों को समस्त करतूतों की तुलना कर प्रत्येक निष्पक्ष मनुष्य के चित्त में उसकी ओर दया, प्रेम और सहानुभूति का उत्पन्न होना स्वाभाविक है। बहुत दरजे तक वह अन्तिम भारतीय वीर था, जिसने बंगाल की स्वाधीनता की रक्षा के लिए एक बार जी तोड़ प्रयत्न किया और इसी प्रयत्न में अपने आपको मिटा डाला।