पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४००

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१४२
भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज सूची दी गई है और कहा गया है कि मीर जाफर ने उन्हें मरवा डाला, सिवाय दो के उनमें से सब इस समय जिन्दा है x x x Ng न जाने इसी नरह के और कितने झूठ सिराजुद्दौला और मीर जाफर दोनों के खिलाफ इस समय नक प्रचलित हैं और इतिहास की पुस्तकों में दर्ज है। मोर जाफ़र को मसनद से उतार कर कलकत्ते में नजरबन्द रक्खा गया। दो हजार रुपए माहवार उसके खर्च के लिए नियत किए गए। कहते हैं कि इस पर बूढ़े मीर जाफ़र ने करबला जाने की इजाज़त चाही और उसके लिए खर्च की दरखास्त की, किन्तु उसे करबला जाने की भी इजाज़त न मिल सकी। अब केवल यह देखना बाकी है कि मीर जाफर के साथ इस _ विश्वासघात द्वारा अंगरेज़ों और अंगरेज़ कम्पनी कम्पनी और अंगरेज़ों को क्या क्या लाभ पहुंचा। को लाम सब से पहले तीन जिले बर्धमान, मेदिनीपुर और चयाम जिनकी सालाना आमदनी तमाम बंगाल की आम- दनी का एक तिहाई थी, सदा के लिए कम्पनी के हवाले कर दिए -- ------- -- --- In justice to the memor of the late Vasabir jatfir, re ambittucumbent on us to qualit rou, that the horrible massacres where- with he tharpedy Mr Holveil, In hrs Address to the proprietors of Fast Indian tock ', 46, are cruel aspersions on the character of that prance. whith have nor the least foundation in truth The several persons there atfirmed and who have been generut thought to have been nurdered by his order, are all now living, except two, . . . "--- Letter addressed to the Hor: ble Court of Directors by Cltre ard others, 10tOctoker, 1765