पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३६

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पुस्तक प्रवेश

पुस्तक प्रवेश रिपोर्टों और काराज़ों से ही संग्रह करना पडता है, किन्तु कम्पनी के त प्रकाशित पत्रों के विषय में अंगरेज़ इतिहास लेखक जेन्स मिल, इङ्गलिस्तान में कम्पनी के 'पत्र-व्यवहार विभाग' का प्रमुख रह चुका और जिसका ब्रिटिश भारत का इतिहास सब से अधिक प्रमाण म जाता है, लिखता है- "कम्पनी के डाइरेकरों ने इस तरह की बातों और ख़बरों को दवा देने में, जिन्हें चे प्रकाशित करना न चाहते थे, शुरू से 'श्रारखीर तक बही चतुरता दिखाई है।" कशान कनिश्चम की मशहूर किताब "सिखों के इतिहास" की १८५३ की एडीसन के विज्ञापन में पीटर कनिचम लिखता है- __हाल के जमाने की हिन्दोस्तान की तारीख के लिए जो छपी हुई सामग्री मिलती है वह इस तरह की नहीं है जिस पर कोई इतिहास लेखक विश्वास कर सके। पालिमेण्ट के दोनों हिस्सों, हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स से जो सरकारी काग़ज़ात जनता के सामने पेश किए जाते हैं, उनमें भी उस समय की राजनैतिक दलबन्दी के हितों की दृष्टि से तब्दीलियाँ कर दी गई हैं, या इस गलत खयाल से कि सच्ची बात के खुल जाने से लोगों के भावों को आघात न पहुंचे, कॉट छाँट कर दी

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