पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३१७

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सिराजुद्दौला

सिराजुद्दौला गया था। अंगरेजो को मालूम था कि सिराजुद्दौला ने हुगली के पास नाज की बड़ी बड़ी कोठियां भर रक्खो हैं। तय हुआ कि सब से पहले इन तमाम कोठियों को जाकर आग लगा दी जाय । हुगली का किला अरक्षित पड़ा हुआ था और माल भी वहाँ बहुन था। किला आसानी से अंगरेजों के हाथों में हुगली की लूट आगया। ११ जनवरी का दिन किले के नजदीक और करले श्रम के मकानों को लूटने में खर्च हुश्रा । इसके बाद फिर १२ से १८ तक पूरे सात दिन हुगली नगर और उसके पास पास की तमाम हिन्दोस्तानी रिया के घरों को. लूटने में खर्च किए गए । इस लूट के साथ साथ हुगली के बेशुमार निहत्थे और निरपराध हिन्दोस्तानी बाशिन्दे कन्ल कर डाले गए। सिराजुद्दौला को मालूम हो गया कि मेरे आदमियों में विश्वास घात के बीज बोकर अंगरेज़ों ने वजवज, तानाह, सिराजुद्दौला का बारे कलकत्ता और हुगली के किले मुफ्त ही में ले बदना और वाट्सन के नाम पत्र ' लिए हैं । एस०सी० हिल लिखता है कि मुर्शिदा- लिलिखता है ___ वाद के मुख्य मुख्य दरबारियों को अपनी ओर मिलाने के लिए उनके साथ क्लाइव का गुप्त पत्र व्यवहार वरावर जारी था। वहुत सम्भव है इस पत्र व्यवहार की भी कुछ भनक सिराजुद्दौला के कानों तक पहुँच गई हो। इसके बाद हुगली की निरपराध प्रजा के ऊपर अंगरेजों के जुल्मों की खबर सिराजुद्दौला 7 Bengai 1756-57.rolp.caxVILL