भारत में अंगरेज़ी राज सब से पहले स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैण्ड (ोलन्दाज),इङ्गलिस्तान और फ्रांस इन पाँच देशों के लोगों ने एक दूसरे के बाद जल-मार्ग से भारत पहुँचने के प्रयत्न शुरू किए। ये प्रयत्न सौ साल से ऊपर तक जारी रहे । भूगोल का ज्ञान और दिशाओं का बोध भी उन दिनों यूरोपनिवासियों को आज जैला न था। भारत पहुंचने के लिए कोई वीर अपना जहाज़ लेकर उत्तर की ओर बढ़ा चला जाता था, कोई उत्तर-पूरव की ओर, कोई उत्तर-पच्छिम की ओर, कोई पच्छिम की ओर और कोई दक्खिन की ओर । नतीजा यह हुआ कि इनमें से अधिकांश प्रयत्न निष्फल गए, जिनमें बहुत सी जाने गई', अनेक जहाज़ बरबाद हुए और काफी धन नष्ट हुश्रा। फिर भी इन कष्टों और विपत्तियों में साहसी यूरोपनिवासियों ने हिम्मत न हारी और स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैण्ड, इङ्गलिस्तान तथा फ्रांस के नाविकों के दरमियान भारत का जल-मार्ग ढूंढ निकालने के लिए लाग डाट बराबर बढ़ती गई। सव से पहला यूरोपियन नाविक, जिसने इस बात का बीड़ा ____उठाया, इतालिया का रहने वाला सुप्रसिद्ध भारत की खोज कोलम्बस था। स्पेन के राजा ने कोलम्बस को में कोलम्बस - बड़ी मदद दी। भारत पहुँचने के लिए वह यूरोप से ठीक पच्छिम की ओर बढ़ा चला गया। उसका जहाज़ सन् १४६ ई० में अमरीका के किनारे जा लगा। अमरीका महाद्वीप का पता लगाने और उससे आजकल के यूरोप का सम्बन्ध जोड़ने का श्रेय कोलम्बस को प्राप्त हुआ, जिसका प्रभाव यूरोप और संसार
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भारत में अंगरेज़ी राज