मुग़लों का समय अकबर के सैकड़ों साल पहले से भारत में चल रही थीं और जो प्रकार के बाद तक भी अपना काम करती रही । धार्मिक विषय में अकबर ने कवीर के जलन्त उपदेशों से शिक्षा और प्रोत्साहन लिया। सम्राट हर्ष अकबर से कई सौ साल पहले प्रयाग में शिव. बुद्ध, और सूर्य तीनों के मन्दिरों में जाकर बारी बारी पूजा किया करता था । बंगाल में सन्नाट हुसेनशाह द्वारा 'सत्यपीर' की पूजा का प्रचार जिसे हजारों हिन्दू और मुसलमान एक समान मानते थे, अकबर के धार्मिक विचारों का एक प्रारम्भिक रूप था। फिर भी अकबर का व्यक्तिस्त्र और उत्पका लक्ष्य दोनों निराले और अत्यन्त महान थे। ___ धार्मिक क्षेत्र में अपने 'अल्लाह उपनिषद' और 'दीने इलाही' द्वारा उसने एक सरल सार्वजनिक धर्म की नीव रखने की कोशिश की । सामाजिक जीवन में उसने हजारों साल की उस प्रथा को, जिसके अनुसार हर विजेता अपने युद्ध के कैदियों को गुलाम बना लिया करता था, सन् १५७३ में कानूनन् बन्द कर दिया । बलात् वैधव्य, बालविवाह, बहुविवाह, धर्म के नाम पर पशुबलि और सती की प्रथा को उसने यथाशक्ति बन्द करने का प्रयत्न किया। किन्तु उसने अपने किसी सुधार को भी तलवार के ज़ोर से चलाने की चेष्टा नहीं की। फ्रेडरिक भागस्टस लिखता है कि अकबर प्रति दिन गरीबों में जितना भोजन वस्त्र इत्यादि तकसीम किया करता था और अपनी तीर्थ यात्राओं में जितना दान दिया करता था उसमें साम्राज्य की आय का एक खासा हिस्सा खर्च हो जाता था। स्त्री जाति की स्वतन्त्रता का वह सच्चा पक्षपाती था । उसके हिन्दू मुसलिम विवाहों ने हिन्दू मुसलिम सम्मिश्रण को और भी अधिक पक्की नींव पर कायम करने की
पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/२१३
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१७५
मुगलो का समय