पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/१८५

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१५१
मुगलो का समय

मुगलों का समय औरंगजेब के समय की अनेक ऐसी घटनाएँ उस समय के इतिहास में मिलती है, जिनमें कि ज्योंही माल के मोहकमे के किसी कर्मचारी, या किसी प्रान्त के सूबेदार की सख्ती या जबरदस्ती की कोई शिकायत प्रजा की ओर से सन्नाट के कानों तक पहुँची, तुरन्त उस राजकर्मचारी को या उस सूबेदार तक को बरखास्त कर दिया गया।" ऊपर के लेखक ने एक फारसी दस्तावेज़ से मिसाल के तौर पर एक घटना नकल की है, जिसमे "साफ़ पता चलता है कि शाहजहाँ किसानों के साथ इन्साफ करने, बल्कि उदारता का व्यवहार करने के लिए कितना उत्सुक था।" शाहजहाँ और किसान __एक दिन शाहजहाँ साम्राज्य के माल के कागजात का मुआयना कर रहा था । उसने देखा कि किसी गाँव की उस साल की सालगुज़ारी पिछले वर्षों की मालगुजारी से कई हज़ार अधिक दर्ज है। तुरन्त माल के मोहको के प्रधान अफसर दीवाने वाला सादुल्ला ख़ाँ को तलब किया गया। सम्राट ने दीवान से मालगुजारी के बढ़ने की वजह पूछी। तहकीकात कराने पर मालूम हुया कि इस साल गाँव के पास की नदी कुछ पीछे को हट गई ___* " The policy of ene supreme head of the Mughal Government not to commst any exaction on the ryoris manifest trom the contemporary hastories and letters, and can he proved traave been a reality and not merely-aprous wish Several instances are recorded in the reigns of Shah Jahan and Aurangzeb in which harsh and enacting revenue rollectors and evea pro- Social viceroys were dismissed on the complaints of taer subjects teacoung the Emperor's eats "-Ibtd.p 108