पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/१८१

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१४७
मुगलो का समय

मुग़लों का समय मुगाली की प्रजा पालकता किसानों को और रैय्यत को मुगल सम्राटों के समय मे ख़ास सहायता दी लाती थी और उनकी हर तरह रक्षा की जाती थी। जिस समय कोई नत्रा सूवेदार नियुक्त किया जाता था तो उसे और बातों के साथ साथ यह आदेश दिया जाता था- "रच्यत्त को इस बात के लिए प्रोत्साहन देना कि वे खेती को उन्नति दें और अपने पूरे दिल से खेती बाडी को बढ़ाएँ। कोई चील उनसे जबरदस्ती न छीनना। याद रखना कि रय्यत ही राज की आमदनी का एक मात्र स्थाई ज़रिया है।xxx __ "xxx इस बात का खयाल रखना कि बलवान निर्बलों पर अत्याचार न करें ।"8 इसी तरह जब किसी प्रान्त के लिए नया सूबेदार नियुक्त होता था तो सम्राट का वज़ीर, जिसे डीवाने आला कहते थे, उसे जो हिदायने करता था, उनमें से एक यह होती थी- "खयाल रखना कि बलवान निर्बलों पर अत्याचार न करे । तमाम अत्याचारियों को दबा कर रखना।

  • “ Encourage the rrots to extend the cultivat,on ad barry on

Agriculture with all ther hearts Do not screw anything out ot them Remember that the ryots are permanent that is the only permanent source ot income to the State See that the strong may not oppress the weak "--bid, 285,86 41bia, p.81