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भारत में अंगरेज़ी राज

२११४ भारत में अंगरेज़ी राज 'पाउण्ड सालाना और दिए जाते थे। इतिहास लेखक विलसन ने साफ़ लिखा है कि कोई विशेष कार्य इस पद के लिये न था, जिसके लिये एक नए श्रादमो को इतनी बड़ी तनखाह दी जाती। लॉर्ड मैकॉल का काम भारतवासियों के लिए कानून बनाना था ; किन्तु वह न भारतवर्ष की कोई भाषा भारत के धार्मिक जानता था और न भारतवासियों के इतिहास, और सामाजिक MITI उनके रस्मो रिवाज इत्यादि से ही परिचित था। ___ भारतवासियों, भारत की धार्मिक और सामा- 'जिक संस्थानों और समस्त भारतीय चीज़ों से उस घृणा थी। मैकॉले भारतवासियों को अंगरेज़ो शिक्षा देने और अंगरेज़ी के माध्यम द्वारा शिक्षा देने का पक्षपाती था । किन्तु इसमें उसका उद्देश भारतवासियों का उपकार करना न था। उसका स्पष्ट उहंश था भारतवासियों में से राष्ट्रीयता के भावों को मिटा कर अंगरेज़ी शासन को चिरस्थायी करना । सन् १८३६ में अपने बाप के नाम 'एक पत्र में उसने लिखा कि-"मुझे पूर्ण विश्वास है कि यदि हमारी शिक्षा को योजनाओं के अनुसार कार्य होता रहा, तो श्राज से तीस वर्ष के बाद बङ्गाल के बाइज़्ज़त लोगों में एक भी मूर्ति- पूजक न रहेगा।" इस पर 'दी इण्डियन डेली न्यूज़' का अंगरेज़ सम्पादक लिखता है- "xxx लॉर्ड मैकॉले की जीत वास्तव में भारतवासियों के धार्मिक और सामाजिक जीवन को नाश करने के स्पष्ट सक्कल्प की जीत थी।"

  • "Lord Macaulav's triumph

was really the triumph of a