पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/७०९

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सन् १८३३ का चारटर एक्ट

सन् १८३३ का चारटर एक्ट ११०५ "मुझे विश्वास है कि सब प्रकार के अन्यायों में सब से बुरा अन्याय एक कौम का दूसरी कौम के ऊपर अन्याय करना है।"* अमरीका के सुप्रसिद्ध राष्ट्रपति अब्राहम लिङ्कन ने एक स्थान पर लिखा है- "कोई क्रोम भी इतनी भली नहीं हो सकती कि जो दूसरी कौम पर शासन कर सके।"+ सारांश यह कि सन् १८३२ के 'रिफार्म एक्ट' का परिणाम भारत के लिए और बुरा हुआ, और इसी अहितकर परिस्थिति में पालिमेण्ट ने सन् १८३३ का 'चारटर एक्ट' पास किया। इस नए 'चारटर एक्ट' से भारत के ऊपर अंगरेज़ी शासन का आर्थिक भार और अधिक बढ़ गया, सन् १८१३ बीस वर्ष के के एक्ट का क्षेत्र और अधिक विस्तीर्ण कर दिया अंगरेजी शासन का परिणाम गया, और अंगरेजों के लिए भारत से धन बटोरने के ज़रिए और अधिक बढ़ा दिए गए। एक्ट के इक्का दुक्का इस तरह के वाक्यों पर, जिनमें भारत की ओर अंगरेज़ों की हितचिन्तकता दर्शाई गई है और जो केवल भारत- वासियों को आँखों में धूल डालने के लिए दर्ज किए गए थे, समय नष्ट करने की आवश्यकता नहीं है । न उस एक्ट की पृथक पृथक • "Of all forms of tyranny I believe the worst is that of a nation over a nation."-Lord Macaulay +" there is no nauon good enough to govern another nation. "-President Abraham Lincoln ७०