यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
पैंतीसवाँ अध्याय क सन् १८३३ का चारटर एक्ट भारत के अन्दर ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अधिकारों को कायम रखने के लिए इङ्गलिस्तान की पार्लिमेण्ट हर सन् १८३२ का बीस वर्ष के बाद एक नया कानून पास किया ८ करती थो; जिसं चारटर एक्ट कहते थे । सन् १८१३ के चारटर एक्ट और उसके द्वारा भारत के प्राचीन व्यापार और उद्योग धन्धों के सर्वनाश का ज़िक एक पिछले अभ्याय में • किया जा चुका है । इसके बाद लॉर्ड विलियम बेण्टिक के शासन काल में सन् १८३३ में फिर नया चारटर एक्ट पास करने का समय श्राया।