पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/७

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उनीसवाँ अध्याय
सूरत की नवाबी का खात्मा

सूरत में अंगरेज़ों की पहली कोठी-सूरत के नवाब के साथ पहली सन्धि-दो अमली हुकूमत-नई सन्धि से अंगरेज़ों को नाम सूरत की

नवाबी को ख़त्म करने का इरादा-सूरत की बेमुल्क नवाबी।

पृष्ठ ५३३-५३७
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बीसवाँ अध्याय
पेशवा को फाँसने के प्रयत्न

अंगरेज़ों को मराठों से खतरा-मराठों के साथ व्यवहार मराठों के नाश में वेल्सली का हिस्सा-होलकर कुल के झगड़े-दौलतराव सींधिया के मराठा सत्ता को मजबूत करने के प्रयन-मंगरेज़ों का दौलतराव पर चढ़ाई का बहाना-दौलतराव के विरुद्ध भोंसले को फोड़ने के प्रयन- दौलतराव के नाश की जबरदस्त तस्यारी-पेशवा दरबार के साथ चाले- नाना फड़नवीस के अंगरेजों को निकालने के अन्तिम प्रयन-मराठा जागीर दारों में फूट-नाना की मृत्यु-पेशवा के साथ छल-सबसीडीयरी सन्धि के लिये पेशवा पर ज़ोर-वेल्सली के गुप्त पत्र-दौलतराव की दूरदर्शिता -होलकर और सींधिया की आपसी लड़ाई-पूना का संग्राम-बाजीराव का पूना छोड़ना-बसई में सबसीडीयरी सन्धि की स्वीकृति-पाजीराव की विवशता।

पृष्ठ १३८-२५४
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