पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/६९

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टीपू सुलतान का फारसी शिलालेख, नागरी अक्षरों में । - • .... - या फ़त्ताहो! बिसमिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम बतारीख बिम्तोनहुम माहे नकी माल शादाब मन् १२२१ यक हज़ार दो पद बिस्तोयक वक्तश मौलूद मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहेवसल्लम बमुताबिक बिस्तीहफ़्तुम शबेज़ीहिजा मन १२१२ यक हज़ार दो पद दोवाज़दह गेज़ दोशम्बा हिजरीय नबवी अलस्पबाह पेशजतुलूए श्राफ़ता दर नालए मौर व माने ज़ोहरा शुरू शुद मुही के जेहते मग़रिब दारुस्सल्तनत वाक अस्त बज्ले इलाही व एअानत-ए-रेसालत पनाही ख़लीफ़-ए-ज़मीनो-ज़माँ शहनशाहे दौरे दौराँ जनाब ज़िल्लुल्लाहे मलेकिल्मन्नान हज़रत टीपू सुलतान खल्लदल्लाहो मुल्कोह व ख़िलाफ़तोह दर दरिया-ए-कावेरी बिना फरमूदन्द, श्रश्शुरूपो मिन्ना वल इतमामी अलल्लाहे । दर रोज़-बिना सम्शो क़मर व ज़ोहरयो मुश्तरी दर बुर्जे हमल करनुस्मादैन मी दाश्तन्द । बेीनेही तयाला सिह मजकूर ता योमुत्तनाद काएम व मानिन्द बुरूजे सवाबित ख्वाहद बृद । बिना बर तय्यारीये मद्दे मरकम उँचे के जर अज़ सरकारे खुदादाद लग्वग्वहा खर्च शुदा महज़ फ्री मीलिल्लाह नमृदा शुद, सिवाए जराअते क़दीमो जदीद हर के दर जमीने गैर मजरू मजरू कुनद दरो हासिल अज क्रिस्मे अस्मारो ग़ल्ला सरकारे खुदादाद मिस्ले रेअायाए दीगर उन्चे के बाशद दरों चहारुम हिस्सा फ्री सबीलिल्ला माफ अस्त, मे हिस्मा ब सरकारे खुदादाद बेदेहद व जमीन ज़राअते-नो हर के मी कुनद ना क़यामे अरज़ो समा बर औलादो अखताद साहबे ज़राअत कायम व बहाल बाशद । अगर कम नखल्लुल वरज़द मानए ई वैराते जारिया गरदद श्रां नाकस मिस्ले शैताने लईन व दुश्मने बनीनौए बशर व नुत्फ़ए मज़ारेईन बल्के नुत्फ्रए तमामीण मखलूकीनस्त । ब खत्ते सय्यद जाफ़र।