पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/६५०

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लॉर्ड ऐमहर्ट

लॉर्ड ऐमहर्ट १०४७ रहती थीं। वरमा के कर्मचारी माल पर बाकायदा महसूल माँगते थे। अंगरेज़ यह बहाना लेकर इनकार कर देते थे कि नाफ नदी का एक किनाग बरमा के राज में है और दूसरा अंगरेजों के राज में। ___ अन्त में जनवरी सन् १८२३ में अंगरेजो की एक नाव ने जिममें चावल भरे हुए थे, नाफ़ नदी में प्रवेश किया। बरमी अफसरों ने महसूल माँगा। नाव वालों ने देने से इनकार कर दिया। इस पर नाव वालो और बरमी अफसरों में कुछ झगड़ा हुश्रा, जिसमें कहा जाता है कि बरमियों ने गोलियां चलाई और अंगरेजी नाव का माँझी माग गया। इस पर अंगरेजी सेना ने जाकर शाहपुरी नामक एक बरमी टापू पर कब्जा कर लिया। बरमा वालों ने एतराज़ किया, अंगरेजों ने न सुना। इस पर बग्मा की संना ने श्राकर अंगरेजों को निकाल कर शाहपुरी के टापू पर फिर से कब्जा कर लिया। ___ दो कम्पनी हिन्दोस्तानी सिपाहियों की कलकत्ते से ग्वाना की गई । २१ नवम्बर सन १८२३ को वे शाहपुरी पहुँचीं। बरमी सेना ने उनका जरा भी विरोध न किया। शाहपुरी पर फिर से अंगरेजों ने कब्जा कर लिया। ये दोनों कम्पनियाँ, कुछ तो कुछ हथियार- बन्द किश्तियाँ और कुछ और सेना अब शाहपुरी में छोड़ दी गई। वहाँ की प्रजा को अपनी ओर करने के लिए उनमें एक झूठा एलान प्रकाशित कर दिया गया। घरमा दरबार ने एतराज़ किया। अंगरेजों ने कहा कि शाहपुरी कप्तान च्यू की का टापू हमारा है । तय हुआ कि सरहद के गिरफ्तारी प्रश्न का निबटारा करने के लिए एक संयुक्त