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भारत में अंगरेज़ी राज

२०३६ भारत में अंगरेजी राज कम्पनी की उन साजिशों ने, जिनका ऊपर ज़िक्र ा चुका है, होलकर राज में चारों ओर फूट, कुशासन और अराजकता फैला रक्खी थी। लॉर्ड हेस्टिंग्स को होलकर राज पर हमला करने का यह अच्छा अवसर दिखाई दिया। कम्पनी की सेना ने बिना किसी कारण होलकर राज पर हमला किया। २० दिसम्बर सन् १८१७ को महीदपुर नामक स्थान पर राज की सेना और कम्पनी की सेना में युद्ध महीदपुर का ___ हुश्रा। इस कुशासन की हालत में भी होलकर संग्राम

  • की सेना के मुसलमान प्रधान सेनापति रोशन

बेग ने अपने तोपख़ाने की मदद से बड़ी वीरता के हाथ दिखलाए ; यहाँ तक कि लिखा है, एक बार अंगरेजी सेना के 'पैर उखड़े हुए नज़र आने लगे। किन्तु होलकर सेना के अन्दर अभी विश्वासघातक अमीर खां का दामाद सेनापति नवाब अब्दुल गफूर खा भी मौजूद था। एक मुसलमान लेखक लुत्फुल्लाह लिखता है- "यदि विदेशी उस लड़ाई में हार जाते तो करीब दस हजार हथियार बन्द लोगों की सेना उनका सर्वनाश कर देने के लिए मौजूद थी, किन्तु ये सभी उम्मीदें खाक में मिल गई।x x x उन्हें यह मालूम न था कि ठीक उस समय, जब कि होखकर के तोपखाने के मुख्य सेनापति रोशन बेग की वफादारी और उसके वीर प्रपत्रों द्वारा अंगरेज़ हारने ही को थे, उसी समय नवाब अब्दुल गफर वो अपने स्वामी के साथ विश्वासघात करके अपने -साथ की पूरी सेना सहित मैदान छोड़ कर भाग गया। जब तक अब्दुख