पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/६३२

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तीसरा मराठा युद्ध

तीसरा मराठा युद्ध १०३१ "मेरी यह तीनों बातें निरपवाद हैं; मैं कहता हूँ कि पूरे अर्थों में निर- पवाद हैं। ये बातें केवल दूसरी रियासतों के साथ कम्पनी के सम्बन्ध की हैं, किन्तु ठीक इसी प्रकार को दूसरी बातें मैं कम्पनी के अपने इलाके के विषय में भी पेश करूँगा।"* नागपुर पर कब्ज़ा करने और राजा अप्पा साहब को कैद कर लेने के बाद अंगरेजों के लिए केवल भोसले राज भासल क किलो के श्राधे इलाके और अनेक छोटे बडे किलों पर पर कब्ज़ा कब्ज़ा करना बाकी रह गया था। मध्यभारत के इन किलों में से अनेक इतने दुर्गम थे कि कई अंगरेज सेनापतियों ने उनकी मज़बूती की बड़ी प्रशंसा की है। एक अंगरेज लिखता है कि-"मालूम होता है प्रकृति ने इन किलों की भूमि को इसी लिए बनाया है कि स्वतन्त्रता और स्वाधीनता के संग्राम वहाँ पर

  • "With regard, therefore to the abuse of the external federal trust, I

engage myself to vou to make good these three positions First, I say, that from Mount Imaus 10 Care Comorin that there is not a single prince, state or potentate, great or small, in India with whom they have come into tortact, whom they have not sold, I say sold, though sometimes they have not been able to deliver according to their bargain Secondly, I sar that there is not a single treaty thev have ever made, which they have not broken Thirdly, I say that there is not a single prince or state who ever put any trust in the Company who is not utterly ruined, and that none are in any degree Secure or flourishing but in the exact proportion to their settled distrust and irreconcilable enmity to this nation "These assertions are universal I say, in the full sense universal They regard the external and political trust only, but I shall produce others fully equivalent in the internal "--Burke's Speech on Fox India Bill, Ist December, 1783