तीसरा मराठा युद्ध १०२५ गवरनर जनरल ने अप्पा साहब की इस अन्तिम प्रार्थना को अस्वीकार करने का जो कारण कम्पनी के अप्पा साहब को डाइरेक्टरों को लिख कर भेजा वह यह था कि अन्तिम प्रार्थना " इस प्रार्थना को स्वीकार करने में कम्पनी को धन की हानि है। किन्तु समस्त राज हड़पने के लिए किसी नए बहाने की श्रावश्यकता थी। तुरन्त रेज़िडेण्ट जेनकिन्स ने अप्पा साहब पर कैदी और पंगुल अप्पा साहब पर एक नया दोषारोपण इलज़ाम लगाया कि अप्पा साहब और उसके दो मुख्य मन्त्री नागृपण्डित और रामचन्द्र बाग चौरागढ़ और मण्डला के किलेदारों, रतनपुर के सूबेदार और पेशवा बाजीराव के साथ अंगरेजों के विरुद्ध साज़िश कर रहे हैं। इस इलज़ाम के थोथेपन पर बहस करने की आवश्यकता नहीं है। जो सुबूत जेनकिन्स ने इन इलज़ामों के लिए पेश किए वे लॉर्ड हेस्टिंग्स को भी काफो मालूम नहीं हुए। इस पर जेनकिन्स ने नागपुर की पुरानी घटनाओं में से अप्पा साहब के विरुद्ध एक और नया इलज़ाम खोद निकाला। वह यह कि अप्पा साहब ही ने श्राक्षा देकर पिछले राजा पुरुषाजी 'बाला साहब' की हत्या करवाई थी। इस नए इलज़ाम के सुबूत में बयान और शहादत तैयार कर ली गई और इसी इलज़ाम की बिना पर जेनकिन्स ने १५ मार्च सन् १८१८ को अप्पा साहब और उसके
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तीसरा मराठा युद्ध