२०१८ भारत में अंगरेज़ी राज उत्तर में लिख भेजा कि मामला मेरे हाथों से अब गवरनर जनरल के हाथों में चला गया है, फिर भी यदि आप अपनी सेना को फ़ौरन् अमुक अमुक स्थान से पीछे हटा ले तो मैं गवरनर जनरल की श्राशा श्राने नक युद्ध बन्द रखने के लिए तैयार हूँ। अप्पा साहब ने रेज़िडेण्ट की यह शर्त स्वीकार कर ली, और २७ तारीख की रात को मराठा सेना जिम जिस स्थान से जेनकिन्स ने कहा था, हटा ली गई। हेस्टिग्स के एक पत्र में लिखा है कि इस प्रकार युद्ध को स्थगित करने में जेनकिन्स का उद्देश केवल यह था कि उसकी थको हुई सेना को विश्राम मिल जाय, और और अधिक सेना नागपुर पहुँच जाय । अप्पा साहब ने बार बार सुलह की प्रार्थना की, किन्तु रेज़िडेण्ड ने इसकी ओर ध्यान न दिया। २६ तारीख को सुबह कम्पनी की कुछ और पलटने नागपुर . पहुँची। उसी दिन शाम को राजा ने जेनकिन्स नई शर्ते को लिखा कि मैं अपनी अधिकांश सेना बरखास्त करने के लिए तैयार हूँ, मेरो प्रार्थना है कि सबसीडीयरी सन्धि कायम रक्खी जाय और मेरी सामान्य शिकायतों का समाधान कर दिया जाय । जेनकिन्स ने फिर वही उत्तर दिया कि मामला अब मेरे अधिकार से बाहर है । लगातार अंगरेज़ी सेनाएँ बराबार नागपुर पहुँचती रहीं, अन्त में १४ दिसम्बर सन् १८१७ को जेन- किन्स ने नीचे लिखी शर्ते अप्पा साहब के पास भेजी, और साथ ही यह लिख दिया कि यदि १६ तारीख को प्रातःकाल चार बजे
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भारत में अंगरेज़ी राज