तीसरा मराठा युद्ध २००६ एलफिन्सटन का मुख्य कार्य नागपुर में राजा के श्रादमियों को रिशवते देकर अपनी ओर तोड़ना, साज़िशें करना और भूठी खबरें व गवाहियाँ तैयार कराना था। फिर भी राजा राघोजी के जीते जी कम्पनो को नागपुर में अधिक सफलता न मिल सकी। अप्रैल सन् १८१६ में राघोजी की मृत्यु हुई । एलफिन्सटन की जगह उस समय जेनकिन्स रेजिडेण्ट था । राधाजी की मृत्यु गघोजी के एक पुत्र था जिसका नाम पुरुषाजी था और जिसे बाला साहब भी कहते थे । बाला साहब का दिमाग कुछ कमज़ोर था और कहा जाता है कि शासनकार्य चला सकने के अयोग्य था । राघोजी के अप्पा साहब नामक एक भतीजा था जो बहुत होशियार था। अंगरेज़ रेज़िडेण्ट ने अप्पा साहब को बहका कर उसे अपनी साजिशों का केन्द्र बनाया। राघोजी भी इस बात को थोड़ा बहुत समझता था। एक बार अप्पा साहब की कुछ निजी जागीर के विषय में राघोजी और अप्पा साहब में कुछ मतभेद हुश्रा । कम्पनी को इस मामले में दखल देने का कोई अधिकार न था। फिर भी रेज़िडेण्ट ने अप्पा साहब के पक्ष में राघोजी पर दबाव डाला और राघोजी को रेज़िडेण्ट की इच्छा के अनुसार उस मामले का निबटारा कर देना पड़ा। राघोजी इन सब बातों को देख रहा था । अपना अन्त समय निकट श्राने पर अपने इकलौते बेटे बाला साहब और भतीजे अप्पा साहब दोनों को उसने अपने पास बुलाया और बाला साहब का हाथ अप्पा साहब के हाथ में देकर गम्भीर किन्तु करुण स्वर में अप्पा
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तीसरा मराठा युद्ध