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भारत में अंगरेज़ी राज

REE भारत में अंगरेजी राज फिन्सटन ने त्रयम्बक जी और पेशवा के मेल के प्रयलों को सफल न होने दिया। पेशवा ने गङ्गाधर को अपना मन्त्री नियुक्त करना चाहा, किन्तु बॉम्बे गजेटियर में साफ लिखा है कि एलफ़िन्सटन के ज़ोर देने पर गङ्गाधर ने पेशवा के इस प्रेम प्रस्ताव को अस्वी- कार कर दिया। इसके बाद पेशवा ने यह तजवीज़ की कि गङ्गाधर के पुत्र के साथ पेशवा की साली का विवाह किया जाय । शास्त्री ने इम तजवीज़ को स्वोकार कर लिया। नासिक में विवाह के रचे जाने की तजवीज़ की गई । तैयारियाँ होने लगी। किन्तु ठीक उस समय जब कि दोनों ओर से तैयारी हो चुकी थी, शास्त्री ने बिना कोई कारण बताए विवाह से इनकार कर दिया। इस इनकार का कारण एलफिन्सटन था। गङ्गाधर की पत्नी इस समय पेशवा के महल में आने जाने लगी थी। एलफिन्सटन ने शास्त्री पर जोर देकर उसका आना जाना भी बन्द करवा दिया। इस मब का एकमात्र कारण यह था कि अंगरेज़ सरकार उस समय बड़ोदा और पूना दरबारों के बीच किसी तरह का मेल न चाहती थी। बड़ोदा गजेटियर में लिखा है :- “यह बात बड़े महत्व की थी कि बड़ोदा और पूना दरवारों के बीच नए राजनैतिक सम्बन्ध पैदा करने के बाजीराव जितने भी प्रयत्न करे उन्हें सफल न हान दिया जाय ।"* इस पर भी मालूम होता है कि धीरे धीरे पेशवा दरबार को It was important to thwart every attempt ot Baji Rao 10 Freate fresh political tues between the Courts of Baroda and Poona "- 'Baroda Gasetteer, p 219