पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४३१

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प्रथम लॉर्ड मिण्टो

प्रथम लॉर्ड मिण्टो ३५ लड़ाना होलकर से उतर कर दूसरा डर अंगरेजों को महाराजा सींधिया और बरार के राजा से था। इन दोनों के थोड़े मराठों को एक ___थोड़े इलाके पिछले युद्ध में छीन लिए गए थे। दूसरे से उनके राज अंगरेजी सरहद से मिले हुए थे। बहुत सम्भव था कि इस समय वे अपने खोए हुए इलाकों को फिर से विजय करने के प्रयत्न करते। कम्पनी की आर्थिक स्थिति इस योग्य न थी कि इन बलवान नरेशों के मुकाबले के लिए सारी सरहद पर सेनाएँ रक्खी जा सकतीं। इस कठिनाई को हल करने के लिए अंगरेजों ने दो मुख्य उपाय किए । एक इन राज्यों में अपने गुप्तचर भेज कर इन नरेशों के विरुद्ध जगह जगह विद्रोह खड़े करवा दिए और अनेक छोटे बड़े मराठा सरदारों को एक दूसरे से लड़ाए रक्खा ; और दूसरे पिण्डारियों को धन देकर और उकसा कर उनसं मराठों के इलाकों में लूट मार करवाई। इस स्थान पर आगे बढ़ने से पहले हमें पिण्डारियों के विषय में कुछ अधिक जान लेना आवश्यक है। क्योंकि पिण्डारियों का भारत के प्रायः समस्त अंगरेज़ इतिहास लेखकों चरित्र ने वीर पिण्डारियों के चरित्र पर अनेक झूठे इलज़ाम लगाने, उन्हें डाकू और लुटेरे बताने और उन्हें बदनाम करने के पूरे प्रयत्न किए हैं। plunder of their neighbours, and the fear of loosing what they possessed, would deter them from hostile proceedings against the Bntish Government " -Grant Difi.