पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४२१

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प्रथम लॉर्ड मिण्टो

प्रथम लॉर्ड मिण्टो २५ मीख तक पूरे जिले के ज़िले उकैतों की दया पर छोड़ दिए गए थे और यह हालत पचास वर्ष से अधिक बङ्गाल पर अंगरेज़ों का कब्ज़ा रहने के बाद की थी।"* ___ इतिहास लेखक जेम्स मिल हमारे इस भ्रम को भी दूर कर देता है कि सम्भव है अंगरेजों के आने से पहले भी इस देश में डकैतियों की यही हालत रही हो। वह लिखता है- "अंगरेजी हुकूमत और उसके कानूनों के अधीन इस तरह के जुर्म ( अर्थात् डकैतियाँ) कम नहीं हुए, बल्कि इस दर्जे बढ़ गए कि जो किसी भी सभ्य कौम के न्याय शासन के लिए अत्यन्त लज्जाजनक है। अंगरेजी हुकूमत के अधीन ये जुर्म न केवल इस दर्जे बढ़ गए कि जिसकी भारत की देशी हुकूमतों के अधीन कहीं कोई मिसाल नहीं मिलती, बल्कि किसी काल में भी किसी भी देश में जहाँ किसी दर्जे मौचिस्य के साथ भी यह कहा जा सकता है कि वहाँ हुकूमत और कानून मौजूद थे, इस तरह के जुर्म इतने कभी भी देखने में न पाए थे।" m his (Lord Minto's) time whole districts within twenty miles of Calcutta were at the mercy of dacoits, and this after the English had been more than fifty years in the occupation of Bengal --Lord Dufferin on the 30th November, 1888 at Calcutta + " This class of ofences did not diminish under the English Govern- ment and its legislative provisions It increased, to adegree highly disgrace- ful to the legislation of a civilized people It increased under the English Government, not only to a degree of which there seems to have been no example under the Native Governments of India, but to a degree surpassing what was ever witnessed in any country in which law and government could with any degree of propnety be said to exist"-Mill, vol v, 387