पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४०३

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दूसरे मराठा युद्ध का अन्त

उदाहरण दूसरे मराठा युद्ध का अन्त ८०७ लॉर्ड कॉर्नवालिस के इस क्षणिक शोसन काल की एक और . छोटी सी घटना वर्णन करने योग्य है, जिससे लूट का एक और ईस्ट इण्डिया कम्पनी की उस समय की र राजनैतिक, व्यापारिक लूट का एक सुन्दर उदाहरण मिलता है। ___ कॉर्नवालिस के भारत पाने के समय कम्पनी की सेनाओं की तनखाहें इतनी चढ़ी हुई थीं कि लॉर्ड कॉर्नवालिस को फौजों में गदर हो जाने का भय था। इसके इलाज के लिए कॉर्नवालिस ने एक तो तुरन्त फौजें कम कर दीं। दूसरे उस समय कम्पनी का कुछ रुपया माल की खरीदारी के लिए इङ्गलिस्तान से जहाजों में चीन जा रहा था। ये जहाज़ संयोगवश मद्रास में ठहरे । कॉर्न- वालिस ने इस रकम को जहाजों से लेकर भारतीय फौज की तन- खाहें देने में खर्च कर लिया। अगस्त सन् १८०५ को कॉर्नवालिस ने कम्पनी के डाइरेक्टरों को लिखा कि मेरे इस काम से कम्पनी को ज़रा भी हानि या असुविधा न होगो; क्योंकि आजकल करीब चालीस लाख रुपए सालाना का माल, जिसमें अधिकतर अफीम और कपास होती है, मुक्त भारत से चीन जाता है और उसके बदले में चीन से चीन का माल लेकर इङ्गलिस्तान भेज दिया जाता है। चीन में इस माल की कीमत आजकल बढ़ती जा रही है; मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि जो रकम मैंने ली है, वह इसी भारतीय माल से चीन में अदा कर दी जायगी और इङ्गलिस्तान में जाने वाले माल में कोई कमी न होगी।