पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/३४२

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जसवन्तराव होलकर

जसवन्तराव होलकर ७५१ सबसे अच्छे और सबसे अधिक होनहार नौजवानों की मृत्यु पर शोक मनाना पड़ रहा है ।"* भारत के अन्दर अंगरेज़ी सेना की इतनी भारी ज़िल्लत की दूसरी मिसाल ढूंढ़ने के लिए हमें पहले मराठा अंगरेजों की युद्ध की ओर जाना पड़ता है। इसका मुख्य _____ कारण केवल एक था-होलकर के विरुद्ध भारतवासियों का अंगरेजों के साथ सहयोग न करना । भारत के अन्दर अंगरेज़ों ने जितनी भी लड़ाइयाँ विजय की, सब प्रायः एक ही उपाय से की। वही "उपाय" सींधिया और भोसले के विरुद्ध जनरल लेक और उसके साथियों का एक मात्र अमोघ अस्त्र था। किन्तु होलकर के विरुद्ध अभी तक यह अस्त्र न चल सका था। वीरता या युद्ध कौशल में उस समय के अंगरेज़ भारतवासियों के सामने किसी तरह तुलना में न ठहर सकते थे। अंगरेजों का अपयश इस समय समस्त भारत में फैल गया। जसवन्तराव होलकर के नाम से अंगरेज़ वैसे ही चौंकने लगे जैसे कुछ समय पहले हैदरअली अथवा टीपू के नामों से चौंका करते ."l will not at present say anything more upon this disgraceful and disastrous event, as my feelings are for many reasons too much agitated to enter into the misfortunes and causes of it A finer detachment never marched, and sorry 1 am to say, that if this account of Lieutenant Anderson is correct, I have lost five battalions and six companies, the flower of the army, and how they are to be replaced at this day, God only knows I have to lament also the loss of some of the finest young men and most promising in the army"