पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/३२५

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७३४
भारत में अंगरेज़ी राज

असफलता ७३४ भारत में अंगरेज़ी राज कुछ स्थानों पर कब्ज़ा भी कर लिया। होलकर से युद्ध शुरू हो गया। करनल मरे उस समय गुजरात में था। जनरल वेल्सली ने ___ करनल मरे को लिखा कि आप अपनी और गायकवाड़ को सेना सहित गुजरात की ओर से होलकर की राजधानी इन्दौर पर हमला करिये। जनरल वेल्सली स्वयं चान्दोर का मोहासरा करने के लिए बम्बई से बढ़ा, किन्तु मार्ग की कठिनाइयों के कारण उसे फिर पीछे लौट आना पड़ा। गुजरात की सेना को भी होलकर के विरुद्ध कोई सफलता न हुई । लंक अपनी पुरानी श्रादत के अनुसार होलकर की सेना के अन्दर गुप्त साज़िशों की कोशिश में लगा हुआ था। होलकर के पिण्डारी सरदार अमीर खाँ का ऊपर ज़िक्र किया जा चुका है। इस बार जनरल वेल्सली न २ मार्च सन् १८०४ को पूना से मेजर मैलकम को लिखा:- ___ "मरसर अमीर ख़ाँ को अपनी ओर मिला रहा है; और यदि उसने अमीर ख को होलकर से तोड़ लिया तो होलकर का खात्मा हो जायगा।" किन्तु जसवन्तराव को शुरू की एक अहतियात के कारण एक अमीर ख़ाँ को छोड़कर जसवन्तराव के विरुद्ध इस तरह की __." Mercer is an treaty with Meerkhan , and if he should draw him off from Holkar, there is an end of the latter"-General Wellesley's letter to Major Malcolm, dated 2nd March, 1903