पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२२२

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६३३
साजिशों का जाल

साज़िशो का जाल ६३३ 'शेष सब बातें आपसे जबानी कहेगा।' इस कादिर नवाब खाँ की मार्फत अंगरेज़ों ने जसवन्तराव से बड़े बड़े भूठे वादे किए । अदूरदर्शी जसवन्तराव फिर अंगरेज़ों की इन चालों में आ गया। जसवन्तराव और सींधिया में मेल न हो सका । युद्ध के अन्त में जब सोंधिया और भोसले दोनों के साथ अंगरेज़ों की सुलह हो गई और जस- वन्तराध को पता चला कि मेरे साथ अंगरेजों के सब वादे बिल्कुल झूठे थे तब मजबूर होकर जसवन्तराव को स्वयं अंगरेज़ों से लड़ना पड़ा, किन्तु उस समय जब कि मराठों की सत्ता को काफ़ी हानि पहुँच चुकी थी। किन्तु जसवन्तराव पर भी अंगरेजों को विश्वास न था। केबल उसे बहकाए रखना ही उन्होंने अपने लिए काफ़ी 'अंगरेजों की अमीर र नहीं समझा, जसवन्तराव की सेना के सरदारों खाँ के साथ ____ को भी उन्होंने जसवन्तराव के विरुद्ध अपनी साज़िश ओर फोड़ कर रखना आवश्यक समझा। जसवन्तराव के साथ नागपुर से एक सरदार अमीर खाँ पाया था, जिसके अधीन पच्चीस हज़ार सवार थे और जिस पर होलकर को सब से अधिक भरोसा था। निज़ाम के श्रादमियों की मार्फत अंगरेज़ों ने अमीर खाँ को अपनी ओर फोड़ा । २८ अप्रैल को अर्थात् वाजीराव के पूना पहुँचने से पहले, जब कि जसवन्तराव अभी पूना हो में मौजूद था, जनरल वेल्सली ने जनरल स्टुअर्ट को लिखाः- ___ "होलकर के सरदार अमीर खाँ का, जिसके अधीन होलकर को सेना का सब से बड़ा दल है, निज़ाम दरवार के साथ निझाम की नौकरी करने के लिए