पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२०६

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दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ

दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ इस "जमना के किनारे की फ्रान्सीसी बस्ती" के विषय में सबसे पहली बात यह ध्यान देने योग्य है कि इस समय तक अंगरेजों का जो कुछ पत्र व्यवहार या जो कुछ बातचीत सींधिया के साथ हो रही थी उसमें इस "फ्रान्सीसी बस्ती" या "फ्रान्सीसी खतरे" का कहीं नाम तक नहीं लिया गया। इसके अतिरिक्त इस "फ्रान्सीसी वस्ती" की असत्यता के विषय में सर फ़िलिप फ्रेन्सिस ने इंगस्तिान की पालिमेण्ट के सामने कहा था- ___ "xxx मुझे मालूम है कि मराठों के खिलाफ एक बड़ी दलील यह दो जाती है कि वे हमारे प्रभुत्व को नुकसान पहुंचाने के स्पष्ट विचार से अपने यहाँ फ्रान्सीसी अफ़सर रखते हैं। यहाँ तक कहा जाता है कि कप्तान पैरों के अधीन चौदह हजार फ्रान्सीसी सेना मौजूद है। इस सेना के अस्तित्व का हमारे पास अणुमात्र भी सुबूत नहीं है ।xxx वास्तव में अत्यन्त बारीकी के साथ खोज करने के बाद पता लगा है कि पूरी मराठा सेना में बारह से ज्यादा फ्रान्सीसी अफसर नहीं हैं।xxx सौंधिया की जरा भी यह इच्छा नहीं है कि अपने राज्य के अन्दर किसी फ्रान्सीसी सेना को पाने तक दे। सब जानते हैं कि अपने राज के किसी भाग में भी the possession of Agra, Delhi and a sufficient chain of posts on the Western and Southern banks of the Jumna , “3rd The possession of the nominal authority of the Moghul , "4th The establishment of an efficient system of allhance with all the petty states to the Southward and the Westward of the Juuna from Jayanagar to Bundelkhand , ____"5th The annexation of Bundelkhund to the Company's dominions" -Governor Generals letter to General Lake dated 27th July, 1803