पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२०५

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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेज़ीराज "इन सब बातों पर फिर से नजर गलते हुए भापको मालूम होगा कि हिन्दोस्तान की उत्तर पश्चिमी सरहद पर सींधिया और बरार के राजा के साथ युद्ध करने के सबसे अधिक लाभदायक फस मेरी राय में ये होंगे- "(.) जमना के किनारे जो फ्रान्सीसियों की बस्ती है उसका और उसके तमाम मौजी सामान का नाश हो जायगा । (२) जमना तक कम्पनी का इलाका बढ़ा लिया जायगा और उसके साथ जमना के पश्चिमी और दक्षिणी तटों पर आगरा, देहली तथा अन्य छावनियों के एक काफी लम्बे सिलसिल्ले पर कब्ज़ा कर लिया जायगा। "(३) मुग़ल सम्राट की नाम मात्र को सत्ता को अपने हाथों में से लिया जायगा। "( ५ ) जमना के दक्षिण और पश्चिम में जयनगर से लेकर बुन्देलखण्ड तक तमाम छोटी छोटी रियासतों के साथ एक समान डा की उपयोगी सन्धियाँ कर लो जायँगी । और "(५) बुन्देलखण्ड को कम्पनी के राज्य में मिला लिया जायगा।"* Scindhia . . . You will consider what steps may be taken to excite Kashi Rao Holkar aganst Jaswant Rao, . . the early reduction of Scindhia . is certain, and would prove a fatal blow to the views of France "-Governor General's letter marked 'Most secret' dated 27th June, 1803, to his brother Major General Welesley • “Reviewing those statements vour excellency will observe that the most prosperous issue of a war against Scindhia and the Raja of Berar on the North Western frontier of Hindostan would in my judgment compnze " 1st. The destruction of the French State now formed on the banks of the Jumna together with all its military resources%3 ___"2nd. The extension to the Company's frontier to the Jumna, with