पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/१३०

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पेशवा को फांसने के प्रयत्न

पेशवा को फांसने के प्रयन ५४३ बेल्सली अच्छी तरह समझता था कि जब तक बाजीराव के ऊपर दौलतराव सोंधिया और नाना फड़नवीस दौलतरावको पूना का प्रभाव है, नब तक बाजीराव अंगरेजों की से हटाने की किसी शल में नहीं आ सकता। इसलिए सब ___ चालें ___ से पहले वेल्सली ने सींधिया और उसकी सेना को पूना से हटा देने को चाले चलनी शुरू की। = जुलाई सन् १७६८ को वेल्मली ने रेजिडेण्ट पामर को लिखा कि-"सींधिया के पूना रहने से टीपू को पूरी तरह महायता मिलने की सम्भावना है, इसलिए किसी प्रकार सोंधिया को वहां से हटाकर उसर भारत भेज देना आवश्यक है।" इसके लिए सब से पहले वेल्सली और उसके साथियों ने यह अफवाह उडाई कि अहमदशाह अब्दाली का पौत्र काबुल का बादशाह जमानशाह उत्तरी भारत पर हमला करने वाला है। इतिहास लेखक प्रॉण्ट डफ़ लिखता है - "अंगरेज़ों के एजण्टों ने ज़मानशाह के हमला करने के इरादों की अफवाहें इस लिए खूब जोर दे दे कर उदानी शुरू की ताकि इन बातों में आकर सींधिया अपने राज की रक्षा के लिए उत्तरी हिन्दोस्तान नौट जावे ।"* इतिहास लेखक मिल लिखता है कि जमानशाह के हमले की इन खबरों की कोई बुनियाद इन अफवाहों के अतिरिक्त और थी ही • “The reported designs of Zaman Shah, were strongly set forth, by the Bntish agents, in order to induce Scindhia to return for the protection ot his dominions in Hindustan "-Grant Duff, p.540