पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/७६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
११७३
पहला अफ़ग़ान युद्ध

इला अफ़ग़ान युद्ध ११७३ । वास्तव म अंगरेज उस समय अफ़ग़ानिस्तान के अन्द्र ठीक वही खेल खेलना । चाहते थे जो प्लासी के संग्राम अफ़ग़ानिस्तान के समय वे बह्वात में सफलता के साथ खेल और बद्भाल चुके थे । दोस्त मोहम्मद क़ ब्रो काटुल का सिरा- जुद्दौला था और शाहशुजा उस देश का मीर जाफ़र था 1 पलाइव के मुक़ाबले में इस समय अफ़ग़ानिस्तान के अन्दर कम्पनी सरकार का प्रतिनिधि विलियम मैकनॉटन था, जो अपनी रीति नीति में ठीक क्लाइव का नुकरण करने का प्रयत्न कर रहा था । मैकनॉटम और उसके साथियों ने अपनी साजिशों स अफ़ग़ा निस्तान के लोगों में सदा के लिए फूट डालने पण्डित सोहनलाल का भरसक प्रयन किया। । इस काम के लिए ! काशमीरी पण्डित मोहनलाल उनके हाथों में एक अत्यन्त उपयोगी ग्रन्न साबित हुआ । इतिहास लेखक के लिखता है- मालूम होता है कि मुन्शी मोहनलाल में देशद्रोही पैदा करने को असाधारण योग्यता थी, उसको इस योग्यता की दमक युद्ध के अन्त तक फीकी नहीं पड़ी । मोहनलाल का मुख्य कार्य था रिशवतें देकर अफ़ग़ान सरदारों को अपने देश के विरुद्ध फोड़ना, अफ़ग़ानिों में गुप्त हत्याओं का फूट डालना, शिया और सुन्नियों को एक दूसरे से लड़ाना और जो सरदार अंगरेजों के हाथों 4%. > प्रबन्ध The Manshi (blobanual) seems to have been endowed with a genius for traitoremaking, he lustre of which remained undimmed to the very end of the war. "-infory f tagta Vaw, by Kaye, vol . i, p. 459.